लेखनी प्रतियोगिता -04-Dec-2022
सरकारी नौकरी की आश युवा की पुकार,(सफलता के लिय दर्द बच्चे का)
आज लोगो को हाल बुरा है पूछो मत बेहाल खड़ा हूं
रो के हंसता हंस के रोता परेशानी से परेशान बड़ा हूं
जिद्दी हूं जो देखे ख्वाब उन्हें पूरे करने का जुनून बहुत है
करता कोशिश हारता भी देखो कितना निराश
हुआ हूं
पैसों के लिए भागता देखो मंजिल से दूर हुआ हूं
रातों में पढ़ाई के जरिए कई रातों सोया नही हूं
सरकारी नौकरी की आस के खातिर खुद में ही खोया हुआ हूं
पहली आशिकी नौकरी से इसी के जरिए अपमानित हुआ है
इनके बच्चे कुछ करते नही सालो बस सरकारी नौकरी की तैयारी में बदनाम हुआ हूं
सुकून तो नौकरी पाकर ही आएगा वरना बेरोजगार में जी लिया जाएगा
कहने दो सबको सब कुछ लग गई सरकारी नौकरी अब मैं बहुत खुश हुआ हूं
जो बरसो से आस थी मेरी अब वो जाके सपना स्वीकार हुआ है
मां बाप खुश है बहुत है और मैं हार के कोशिश करके सब जीत गया हूं ।
Punam verma
05-Dec-2022 04:00 PM
Very nice
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Pratikhya Priyadarshini
04-Dec-2022 10:34 PM
Very nice 🌺👌
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Gunjan Kamal
04-Dec-2022 05:21 PM
शानदार प्रस्तुति 👌
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